अपैरल ट्रेनिंग एंड डिजाईन सेंटर, वस्त्र निर्यात एवं उन्नयन परिषद, के अन्तर्गत स्थापित एक व्यावसायिक एवं कौशल प्रशिक्षण संस्थान है। इस संस्थान में अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से वस्त्र कैसे तैयार किये जाते है, तथा गारमेंट इंडस्ट्रीज के क्रियाकलापों के बारे में विभिन्न पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है। ए.टी.डी.सी., द्वारा आधुनिकतम मशीनरी, उपकरणों तथा तैयार वस्त्र उद्योग में उपयोग की जाने वाली आई.टी. प्रणालियों पर वस्त्र निर्माण के प्रत्येक पक्ष में पेशेवर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
अपैरल ट्रेनिंग एंड डिजाईन सेंटर की शुरूआत वर्ष 1991 में, अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिंल, कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारा की गई थी। जिसका उद्देश्य कुशल मानव संसाधन को वस्त्र उद्योग हेतु निर्मित करना है। अपैरल ट्रेनिंग एंड डिजाईन सेंटर, देश का उत्कृष्ट प्रशिक्षण संस्थान है, जिसकी पूरे देश के विभिन्न राज्यों में लगभग 200 शाखाऐं कार्यरत है। कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार एवं राज्य सरकार की विभिन्न कौशल विकास योजनान्नतर्गत वर्ष 2010 से लेकर अभी तक एटीडीसी द्वारा लगभग 2,50,000 प्रशिक्षणार्थियों को इस क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जा चुका है। यह संस्थान निर्माणाधीन वस्त्र उद्योग हेतु कुशल कारीगरों को प्रशिक्षित करने में अग्रणी है।
संस्थान में 5वीं, 8वीं, 10वीं एवं 12वीं पास छात्र-छात्राऐं सीधे विभिन्न रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते है, तथा अपैरल एवं गारमेंट क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों जैसे (मशीन आॅपरेटर, क्वालिटी चेकर, इनलाईन सुपरवाईजर, सहायक प्रोडेक्शन मैनेजर, प्रोडेक्शन मैनेजर, इंडस्ट्रियल सुपरवाईजर, लाईन इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोलर इत्यादि) में अपना करियर बना सकते है। इन प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का प्रारूप गारमेंट इंडस्ट्री के वातावरण एवं कार्यशैली के अनुरूप बनाया गया है।
एटीडीसी संस्थानों में उन्हीं आधुनिक कम्प्यूटराईज्ड मशीनों के माध्यम से ट्रेनिंग प्रदान की जाती है जो कि गारमेंट उद्योगों एवं कंपनियों में होती है। एटीडीसी तथा एईपीसी के अंतर्गत लगभग 8800 अपैरल एवं गारमेंट एक्सपोर्टस कंपनिया पंजीकृत है, जिन्हें निरंतर कुशल कारिगरों की आवश्यकता होती है, ऐसे में एटीडीसी में प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार के बेहतर अवसर ट्रेनिंग के दौरान ही प्राप्त हो जाते है।
एटीडीसी के द्वारा विभिन्न राज्यों की शासकीय योजनाओं के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने एमओयू किया गया है जिसमें मुख्यतः मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, केरला एवं तमिलनाडु है। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना के माध्यम से राज्य एवं जिले के प्रशिक्षणार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
वर्तमान में मध्यप्रदेश के 18 स्थानों पर एटीडीसी सेंटर कार्यरत है जिनमें मुख्यतः छिन्दवाड़ा, भोपाल एवं इंदौर हब के रूप में कार्यरत है एवं छिन्दवाड़ा जिलेे में छिन्दवाड़ा, अमरवाड़ा, परासिया एवं तामिया में इसकी शाखायें संचालित है। इन शाखओं के माध्यम से क्षेत्र के हजारों युवक युवतियाॅं आधुनिक वस्त्रों को बनाने की कला में आधुनिक मशीनों के माध्यम से निपुण होकर गारमेंट इंडस्ट्रीज में रोजगार एवं स्वरोजगार प्राप्त कर चुके है। इस सेंटर का प्रमुख उद्देश्य शिक्षित बेरोजगारों को वस्त्र उद्योग में रोजगार आधारित सुलभ एवं कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार उपलब्ध करवाना है।
अपैरल ट्रेनिंग एंड डिजाईन सेंटर की शुरूआत वर्ष 2008- जनवरी में की गई थी जिसका उद्घाटन तात्कालीन केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री कमलनाथ के करकमलों से किया गया था। जिले में इस संस्थान की स्थापना करने में आदरणीय मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्हीं के प्रयासों का यह नतीजा है कि आज यह संस्थान सुचारू रूप से कार्यरत है, एवं जिले के युवक -युवतियों को इस क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रोजगार प्रदान कर रहा है।
वर्तमान में संस्थान का मुख्य एवं आधुनिक भवन छिन्दवाड़ा इमलीखेड़ा, हवाई पट्टी के पासं संचालित है जो कि 5 एकड़ की भूमि पर स्थित है। इस प्रशिक्षण संस्थान में तीन प्रकार की गतिविधियाॅं संचालित की जा रही है, जिसमें मुख्यतः तीन वर्षीय पाठ्यक्रम (B.Voc) एवं एक वर्षीय तथा नौ एवं छः माह के सर्टिफिकेट कोर्स (AMT, FDT, PSQC, APM etc.) संचालित किये जा रहे है। वर्तमान में संस्थान में मध्यप्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना के अंतर्गत दीर्घ एवं लघु अवधि पाठ्यक्रम संचालित किये जाते है जिसमें 5वीं से 12वीं पास छात्र-छाात्राऐं प्रवेश पा सकते है।
इसके साथ ही इस संस्थान में ए.टी.डी.सी. एवं अन्य संस्थाओं की फैकल्टीस एवं ट्रेनरों के लिए टीओटी एकेडमी बनाई गई है जिसमें समय समय पर उन्हें उन्नत मशीनों पर विशेष प्रकार का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।